सूत्रों के अनुसार, तस्कर अब 5000 रुपये प्रति हाइवा की रंगदारी देकर बालू का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। इस काम में पुराने लोगों के साथ कई नए चेहरे भी शामिल हुए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ पुलिस अधिकारी भी इस अवैध कारोबार से जुड़े हुए हैं।
30 से 40 हाइवा प्रतिदिन: सूत्रों के मुताबिक, प्रतिदिन 30 से 40 हाइवा बालू का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस अवैध कारोबार से नदी का अस्तित्व खतरे में है और पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है।
प्रशासन की भूमिका: स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि वे इस अवैध कारोबार पर तत्काल रोक लगाएं। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो वे सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।
विशेषज्ञों का मानना: पर्यावरणविदों का मानना है कि बालू का अवैध उत्खनन न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है बल्कि भू-स्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ाता है।

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