Desk : आज खोरठा दिवस है, झारखंड सहित देश में खोरठा भाषा को स्थापित करने वाले धनबाद के लाल, खोरठा भाषा के पुरोधा, खोरठा कवि श्रीनिवास पानुरी की 104वीं जयंती पर शत-शत नमन, जोहार
मुझे गर्व है कि ऐसे महान योद्धा श्रीनिवास पानुरी जी का जन्म मेरे गृह पंचायत दामकाड़ा बरवा (बरवाअड्डा) धनबाद में हुआ था...
अफसोस उनकी प्रतिमा आज तक किसी चौक चौराहे पर नहीं लग सका, ना ही किसी शिक्षण संस्थान का नामकारण उनके नाम पर किया गया...
उनके द्वारा लिखे #झारखंडी का सटीक वर्णन
नांच बांदर नाँच रे
मोर चांहे बॉंच रे
तोर खातिर सुसनी साग
हमर खातिर माछ रे
नांच बांदर नांच रे
मोर चांहे बॉंच रे
हमर खातिर सोना चाँदी
तोर खातिर काँच रे
नॉच बांदर नॉच रे
मोर चांहे बॉंच रे
हमर खातिर दलान घर
तोर खातिर गाछ रे
नांच बांदर नांच रे
मोर चांहे बॉंच रे....

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